यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था उस समय के यहूदी धर्मी अधिकांशत: फारीसी धर्मियों और प्रमुखों द्वारा। यह घटना बाइबिल के नये नियम में और विभिन्न ईसाई संबंधित ग्रंथों में विस्तार से वर्णित है।

बाइबिल के अनुसार, यीशु को फासीयों ने उसके द्वारा किए गए उसके उपदेशों और उनके दावों के कारण दुष्मनी महसूस करने वाले लोगों द्वारा सूली पर चढ़ाया गया। इसे उनके धार्मिक और सामाजिक प्रभावों के कारण किया गया था। फारीसी धर्मी शासकों और धर्मिक प्रमुखों की अनुमति से ही यह कार्रवाई हुई थी। इस घटना का इतिहासी साक्षात्कार एक महत्वपूर्ण क्रिश्चियन धार्मिक घटना है और क्रिस्चियन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है।